सर्पदंश (Snake bite)

परिचय: जब किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है तो सांप का जहर उस व्यक्ति के शरीर में फैलने लगता है जिसके कारण रोगी की मृत्यु हो जाती है।

प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार उपचार- जैसे ही किसी व्यक्ति को सांप काट लेता है उसे सांप के काटे हुए स्थान के ऊपर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मजबूती से रस्सी से बांध देनी चाहिए। कटे हुए स्थान से आगे तथा पीछे की ओर कम से कम 3 बंधन बांधने चाहिए। फिर उसके बाद सांप के काटे हुए स्थान पर ब्लेड या तेज चाकू से चीरा लगाकर उस जगह के सारे जहरीले खून को चूस-चूस कर बाहर निकाल देना चाहिए। उसके बाद सांप के काटे हुए स्थान तथा चीरा लगाए हुए स्थान को नीम का रस मिले गरम पानी से शुद्ध कर लेना चाहिए। इसके बाद रोगी के तीनों बन्धनों को खोलकर उस स्थान को गहरे ठंडे पानी में डुबोकर मोटे कपडे से रगड़-रगड़कर डेढ या दो घण्टे तक अथवा इससे भी अधिक समय तक धोना चाहिए तथा इसके बाद घाव को नीबू के रस मिले हुए पानी से धोकर रोगी को गुनगुने पानी के साथ एनिमा क्रिया करनी चाहिए। इसके बाद रोगी को प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार भाप स्नान कराना चाहिए और कुछ समय के बाद रोगी को ठंडे जल से स्नान कराना चाहिए और फिर मिट्टी की ठंडी पट्टी घाव पर बांधनी चाहिए। जब यह पट्टी थोड़ी देर के बाद गर्म हो जाए तो फिर से ठंडी पट्टी बांधना चाहिए।

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